शेयर बाजार में तीन तरह के ट्रेडर होते हैं। एक जो लॉन्ग टर्म और फंडामेंटल पर फोकस रखते हैं और दूसरे जो स्विंग ट्रैडिंग और तीसरा डे ट्रेड होते है जो की ब्रेकआउट या ट्रेंड पर फैसला करते हैं.
तीनो में फर्क स्टॉक के प्राइज पर नज़र रहता है. फंडामेंटल निवेशक हमेशा से कंपनी की मजबूती और ग्रोथ पर ध्यान देता है न कि शेयर की कीमत पर. हमे हमेशा मजबूत फंडामेटल कंपनी पर निवेश करना चाहिए।ओर शेअर बाजार से पैसा बनाने का यह सबसे अच्छा ओर आसान तरीका भी है।
हमेशा भावना पर नियंत्रण करना और जल्द बाज़ी ना करे।
शेयर की खरीद-बिक्री को लेकर किसी खास तरह की सोच में न रहे, कई ट्रेडर्स स्टॉक खरीदने या बेचने का फैसला ज्यादातर प्रभाव में आकर करते हैं. अगर उनके आस-पास दोस्त लोग ओर भी लोग किसी खास स्टॉक में निवेश कर रहे हैं, तो एक वह ट्रेडर भी उसी स्टॉक में निवेश करता है. इस तरह से बचना चाहिए. लॉन्ग टर्म में यह नियम सही नहीं है. दुनिया के महान निवेशक Warren Buffett ने कहा है की जब दूसरे लालची हो जाएं तो डरने की जरूरत है, वहीं जब जब सब डर दू
रहे हो, तो आप लालची बन जाएं।
शेयर बाजार को समय देने की कोशिश करें :
स्टॉक मार्केट में कभी भी जल्दबाजी न करें. शेयर के प्राइज बढ़ने से पहले खरीदना और गिरने से पहले तुरंत बेचने का फैसला नुकसान करा सकता है. यह काम टैक्निकल एनिलिसिस दुवार हो सकता है, यह आपको सीखना पड़ेगा
बाजार में निवेश के लिए अनुशासित दृष्टिकोण :
बाजार में अनुशासन बहुत ही जरूरी है. बाजार के इतिहास देखें तो बुल मार्केट में भी अधिकांश निवेशकों में डर होता है. शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक अपनी कमाई डुबो देते हैं, वो भी तब जब मार्केट में बुलिश ट्रेंड रहा. यानी, तेजी का दौर रहा. इसलिए निवेशकों को निवेश को लेकर अनुशासन भरा रवैया रखना चाहिए. अगर लॉन्ग टर्म में कमाई करना चाहते हैं, तो निवेश का सिस्टमेटिक अप्रोच होना जरूरी है.
स्टॉक ट्रेडिंग के दौरान अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें :
बाजार में हमेशा भावनाओं में बहकर फैसला नहीं करना चाहिए. अगर आपका शेयर खरीदने-बेचने को लेकर इमोशंस पर कंट्रोल नहीं है तो आप भारी नुकसान करा सकते हैं. जब बाजार में तेजी रहती है तो ट्रेडर्स ज्यादा आकर्षित होते हैं और उस चक्कर में गलत शेयरों में पैसा लगा बैठते हैं. डर और लालच, ये दो ऐसे फैक्टर हैं, जिन पर शेयर में ट्रेडिंग के दौरान कंट्रोल होना चाहिए.
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हमेशा निवेश करने से पहले लक्ष्य बनाएं :
शेयर बाजार में निवेश को लेकर एक वास्तविक गोल रखें. निवेशकों को हमेशा लगता है कि उन्होंने जो निवेश किया है वह बेस्ट रिटर्न देगा. लेकिन अगर आपका फाइनेंशियल गोल रियलस्टिक नहीं है तो आप परेशानी में फंस सकते हैं. बाजार में कभी भी समान रिटर्न की उम्मीद न करें.
क्षमता के अनुसार शेयरों में निवेश करें :
अकसर यह सुनने में आता है कि शेयरों में निवेश के चलते कोई व्यक्ति भारी कर्ज में फंस गया. अगर आप शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो हमेशा अपने सेविंग से थोड़े फंड को ही निवेश करें. सेविंग फंड का मतलब कि जो आपके पास आपके खर्चों और अन्य जरूरतों को पूरा करने के बाद जो बचता है. जब आपको मुनाफ प्रोफिट होने लगता है, तो आप उस पैसे को दोबारा निवेश करेंगे. कभी भी लोन या कर्ज लेकर निवेश न करें।नही तो आप चंगुल में फांस जाओग।