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E- RUPI क्या है। कैसे काम करता है, ओर भविष्य में क्या हो सकता है।

E- RUPI क्या है : E- RUPI भारत की एक डिजिटल करेंसी है जो यह एक टोकन के रूप में होगा। 1E-RUPI का वेल्यू एक रुपए के बराबर होगा यानि की 100E RUPI है तो इसका वेल्यू ₹100 के बराबर होगा

E- RUPI क्या है। कैसे काम करता है, ओर भविष्य में क्या हो सकता है।

ई रूपी उन्हीं मूल्य पर उपलब्ध होगा जिनमें नोट और सिक्के उपलब्ध होते हैं इसका मतलब यह केवल 1 1 2 5 10 20 50 100 500 ₹2000 के मूल्य में उपलब्ध होगा इसे आसानी से नगदी में बदल सकेंगे।

E-RUPI लाभार्थी की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है लाभार्थियों के डाटा को सुरक्षित रखता है, पैसे भेजने वालों और पैसे प्राप्त करने वाले के अलावा किसी थर्ड पार्टी को भी पता नहीं होता है,

E-RUPI Digital Payment की सुविधा को DFS ओर NHA दोनों के समर्थन से विकास किया गया है, और इसे ऑपरेट नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने किया है।

E- RUPI का मकसद :

ई रूपी एक कैश और कॉन्टेक्ट लेंस पेमैंट मोड है, जोकि कैशलैस और कॉन्टेक्टलेंस डिजिटल Payment Service होगी। साथ ही साथ अपने ग्राहक को डिजिटल कनेक्ट करेगी अलग-अलग वेलफेयर सर्विसेज की लीक प्रूफ डिलीवरी को भी सनिश्चित करेगी।

E-RUPI को कब लांच किया है।

E-RUPI को 1 दिसंबर 2022 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लांच किया है, इसकी मुख्य उद्देश्य है पेमैंट मोड  को डिजिटल करना ।

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ट्रांजैक्शन के लिए क्या चाहिए होगा बैंक अकाउंट ?

ई रूपी को डिजिटल भेजते हैं,तो यह एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में जाता है. क्योंकि ट्रांजैक्शन दो वॉलेट्स के बीच होगा, इसी वजह से डिजिटल रूपी को भेजने के लिए भेजने के लिए कोई भी बैंक अकाउंट की जरूरत पड़ती है।

E-RUPI क्या क्रिप्टोकरेंसी से अलग है।

 जी हां क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज होता है और या लीगल टेंडर में नहीं माना जाता है क्योंकि इसकी प्राइस में बहुत उतर चढ़ाव होता है, इस पर किसी भी संस्था या किसी भी लोगों पर कंट्रोल नहीं होता है या एक कम कंप्यूटर प्रोग्रामिंग नेटवर्क बेस होता है, ओर 

E-RUPI आरबीआई  द्वारा जारी किया गया है यह भारत की डिजिटल टोकन है,इसका निगरानी भारत सरकार भी करेंगी।

E-RUPI कैसे काम करता है।

यह एक तरह का फैसला सर कांटेक्ट लेंस डिजिटल पेमेंट सिस्टम है जो अपने ग्राहक के फोन पर एस एम एस या क्यूआर स्केनर के रूप में प्राप्त होगा या एक प्रीपेड वाउचर सर्विस किस तरह होगा।इसे किसी भी विशिष्ट केंद्र पर जहां यह स्वीकार किया जाएगा वहां रिडीम करवाया जा सकता है वह किसी भी इंटरनेट बैंकिंग डेबिट क्रेडिट कार्ड और मोबाइल ऐप के बिना बस आपके पास एक साधारण सा फोन होना चाहिए फिर आप इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं, कृपया के द्वारा ट्रांजैक्शन बहुत ही तेजी और विश्वसनीयता पूर्वक होता है इसमें पहले से ही अमाउंट पड़ा रहता है यह फिजिकल इंटरफ्रेंस के बिना सेवा के प्रयोजन किसी व्यक्ति या संस्था को डिजिटल रूप में लाभार्थियों ओर सेवा प्रदाता को एक साथ जोड़ता है।

E-RUPI के पायलट लांच में क्या होगा।

eRupi के पायलट लांच में 8 बैंकों के साथ मिलकर  इसे टेस्ट किया जाएगा और मजबूती परखी जायेगी । पहले चरण में भारतीय स्टेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक एस बैंक आईडीएफसी बैंक शामिल होंगे और कुछ समय बाद यूनियन बैंक एचडीएफसी बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक भी इसमें शामिल होंगे शुरुआती चरण में केवल मुंबई दिल्ली बेंगलुरु और भुनेश्वर में लांच हो और बाद में फिर 9 शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा ।

E-RUPI के फायदे :

ई रूपी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करने का काम करेंगी।

ई रूपी के अंतर्गत वाउचर का प्रयोग किया जाएगा। इसे इसे ट्रैक नही किया जा सकता है।

ई रूपी लाभार्थी की ट्रांजेक्शन की डाटा को भी गोपनीय बनाए रखेगा।

ई रूपी  का प्रयोग करने के लिए लाभार्थी के पास मोबाइल एप क्रेडिट कार्ड इंटरनेट बैंकिंग या बैंक अकाउंट की कोई जरूरत नहीं होगी

ई रूपी एक प्रीपेडवाउचर है ।

ई रूपी की मुख्य वजह है यह है की यह आप साधारण मोबाइल फोन कमजोर इंटरनेट है तब भी आप इसका प्रयोग कर सकते है।

 सुविधा कैसे प्राप्त ई रूपी होगी ।

एनपीसीआई द्वारा ई रूपी सिस्टम को यूपीआई प्लेटफार्म पर बनाया गया है एनपीसीआई ने इसमें देश के कई बैंकों को एक साथ भी जोड़ा है बैंक खुद का एक ही टोकन जारी कर सकेगा। बैंक अपने ई वाउचर को  खुद के यूपीआई प्लेटफार्म पर जारी करेगा l इस तरह से बोले तो यह एक बैंक जारीकर्ता संस्था होगी।

सरकारी एजेंसी निगम या कॉर्पोरेट को अपने साझेदारी बैंक से संपर्क करना होगा और उन व्यक्तियों और जिस उद्देश्य के लिए भुगतान किया जा रहा है उसका पूरा विवरण देना होगा।

लाभार्थी की पहचान उनके मोबाइल नंबर के द्वारा की जाएगी तभी s.m.s. और क्यूआर कोड प्राप्त होगा लाभार्थी के नाम पर बैंक द्वारा सेवा प्रदाता को वाउचर आवंटित किया जाता है।

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कहाँ होगा ई-रूपी का इस्तमाल ?

NPCI ने अभी E-RUPI के लिए 1600 से ज्यादा हॉस्पिटल के साथ अनुबंध किया है। जहाँ e-RUPI के माध्यम के द्वारा भुगतान किया जा सकता है ,ई-रूपी का प्रयोग प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत व साथ ही Welfare schemes के लिए भी किया जा सकेगा। खबरों के मुताबिक आने वाले समय में बड़े पैमाने पर इसका उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी इसका लाभ प्राप्त कर सकेंगे। 

डिजिटल करंसी से भिन्न है, E-RUPI ?

e-RUPI को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य है भारत को डिजिटल करंसी को लाना है, ई रुपी एक डिजिटल करंसी नहीं है यह एक तरह से सामाजिक सेवा वाउचर प्रणाली) है।

ई-रूपी क्रिप्टोकरेंसीसे से  भिन्न है। जो लाभ प्राप्त करने के लिए, सेवाएं और सामान खरीदने के लिए व्यापार करने का मौका देती है आपको बता दें की इस प्रीपेड वाउचर का उपयोग कल्याणकारी सब्सिडी को प्रदान करने के लिए किया जाएगा।

E-RUPI Banks को जारी करते वाला बैंक है।

NPCI द्वारा 11 बैंको के साथ  ई रूपी लेनदेन के लिए साझेदारी की गई है। यह बैंक निम्नलिखित है।

ई-रूपी वेबसाइट का भविष्य  :

NPCI द्वारा जल्दी ही e-RUPI वेबसाइट को लॉन्च किया जा सकता है। e-RUPI का प्रयोग मातृ एवं शिशु लाभ योजना, आयुष्मान भारत योजना, क्षय रोग उन्मूलन योजना तथा अन्य कल्याणकारी योजना के अंतर्गत सेवाएं देने के लिए किया जा सकेगा। 

भारतीय डिजिटल मुद्रा का नाम लिया जाये तो सिर्फ e-RUPI ही पहली Indian Digital Currency होगी। e-RUPI के फ्रेमवर्क व उसे नियंत्रित और प्रसारित करने के लिए NPCI को ही अधिकृति प्रदान की जाएगी।  

ई-रूपी के कितने वॉलेट रख सकते हैं ?

ई-रूपी केवल एक ही आप प्रयोग कर सकते है क्योंकि  एक रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर केवल एक वॉलेट रख सकता है. एसबीआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, डिजिटल रूपी को आरबीआई ऑपरेट करेगा, बैंक नहीं. इसलिए सिर्फ आप केवल एक डिजिटल रूपी वॉलेट या का इस्तेमाल कर सकते हैं.

E- RUPI क्या है। कैसे काम करता है, ओर भविष्य में क्या हो सकता है।

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