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आर एस आई इंडिकेटर क्या होता है?| RSI Indicator In Hindi

स्टॉक मार्केट में शेयर के प्राइस और ट्रेंड का पता लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के इंडिकेटर मौजूद है उन्हीं में से एक RSI indicator  है जो मार्केट के प्राइस एक्शन और ट्रेंड का संकेत देता है,और ट्रेंडिंग कराने में मदद करता है। चलिए अब RSI के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं ।

आर एस आई इंडिकेटर क्या होता है?| RSI Indicator In Hindi

Table of Contents

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RSI –  Relative Strength Index : 

 Relative Strength Index (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स) एक लोकप्रिय इंडीकेटर जो मोमेंटम ,प्राइस एक्शन, तेजी और मंदी का संकेत प्रदान करता है,इसकी खोज 1978 ईस्वी को हुई थी RSI को J. Welles Wilder ने बनाया था।

RSI indicator निर्माण :

RSI 01 से 100 के दरम्यान घुमनेवाला सूचक है। उसमें 30,50,70 ऐसे तीन स्तरों का विशेष महत्व होता है।

RSI indicator टाईम फ्रेम :

RSI में 14 दिनों का सेटिंग प्रचलित है। आवश्यकता के अनुसार इस संख्या को थोड़ा आगे पिछे किया जा सकता है।

RSI indicator उपयोग :

RSI का उपयोग प्रमुखरूप से दो संकेत देते है।

आर एस आई इंडिकेटर क्या होता है?| RSI Indicator In Hindi

यह भी पढ़ें : टेक्निकल एनालिसिस स्टेप बाय स्टेप टेक्निकल एनालिसिस का प्रयोग कैसे करे। (Technical Analysis Step By Step)

RSI indicator 30 और 70 के दरम्यान  :

मार्केट अथवा शेअर्स किसी एवरेज के दरम्यान अटक कर अथवा दुसरे महत्व के रेसिस्टन्स को लेकर सीमित मर्यादा में उतार-चढ़ाव घुमते हुए दिखाई देता। है।

खरीदी कब करनी चाहिए ?

बिक्री कब करनी चाहिए ?

RSI Oversold or Overbought

NOTE (नोट) :

यह भी पढ़ें : इंडिकेटर क्या है और यह कैसे उपयोगी है – INDICATOR KYA HAI

RSI indicator 50 और 100 के दरम्यान घुमता है :

शेअर बाज़ार में जब दिर्घ कालावधी की तेजी स्थापित होती है तब शेअर्स का भाव चढ़ाव उतार-चढ़ाव के ट्रेन्ड के अनुसार चलता है और आरएसआय 50 और 100 के स्तर के दरम्यान घुमते हुए नज़र आता है।

खरीदी कब करनी चाहिए ? :

बिक्री कब करनी चाहिए ? :

RSI Buy or Sell signal

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RSI indicator 30 और 50 और उसके नीचे की रेन्ज में ही घुमता है। :

खरीदी कब करनी चाहिए ?

बिक्री कब करनी चाहिए ?

Note (नोट):

RSI indicator 30 के नीचे होता है तब :

RSI indicator 30 के स्तर को तोड़ता है तब रेन्जवाले मार्केट में खरीदी का मौका आपको मिलता है।

खरीदी कब करनी चाहिए?

बिक्री कब करनी चाहिए ?

बिक्री तभी करनी चाहिए जब आरएसआय 30 के स्तर पर रेसिस्टन्स देकर गिरावट की शुरूआत होती है।

आर एस आई इंडिकेटर क्या होता है?| RSI Indicator In Hindi

यह भी पढ़ें : इंडिकेटर क्या है और यह कैसे उपयोगी है – indicator kya hai

RSI indicator 70 और 100 के दरम्यान घुमता है तब :

खरीदे हुए शेअर्स जमाकर के रखने चाहिए। 

ऐसी स्थिति में आरएसआय 70 पर सपोर्ट नहीं लेता तब तक डरने की जरूरत नहीं होती।

बिक्री कब करनी चाहिए ?

लंबे समयतक 70 पर सपोर्ट लेने के बाद जब आरएसआय 70 के स्तर को तोड़ता है तब दुसरे सूचकों के संकेत मिलने के बाद बिक्री की शुरूआत करनी चाहिए।

RSI indicator और डायवर्जन्स :

RSI और भाव के दरम्यान जब सकारात्मक डायवर्जन्स अथवा नकारात्मक डायवर्जन्स दिखाई देता है तब कम कालावधी में आनेवाला ट्रेन्ड रिवर्सल का पूर्व संकेत आपको मिलता है।

RSI Divergence

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RSI indicator और भाव के दरम्यान सकारात्मक डायवर्जन्स :

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Bullish Divergence

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RSI indicator और भाव के दरमियान नाकारात्मक डायवर्जेंस :

Bearish Divergence

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साप्ताहिक और मासिक टाइम फ्रेम में RSI indicator :

रेट ऑफ चेन्ज – आरओसी (Rate of Change – ROC) :

  1. रेट ऑफ चेन्ज (आरओसी) भूतकाल के भाव के बढ़ने के संदर्भ में चालू भाव की बढ़त कितनी जल्दी है वह दर्शाता है। 
  2. आरओसी की लाईन बेस लाईन ‘0’ के ऊपर और नीचे घुमते हुए दिखाई देती है।
  3. अलग अलग चार्ट पर किसी भी निश्चित स्तर पर से रेसिस्टन्स अथवा सपोर्ट लेते हुए दिखाई देता है। • टाईम फ्रेम 12 दिनों का आरओसी बाज़ार में प्रचलित है।
  4. 12 दिनों का आरओसी एक निश्चित सायकल में घुमता है और इस सायकल के भूतकाल में बने हुए टॉप और बॉटम का उपयोग करके ट्रेन्ड रिवर्सल का संकेत हासिल किया जा सकता है।
  5. आरओसी ‘0’ के ऊपर होता है तब शेअर्स में तेजी दिखाई देती है और ‘0’ के नीचे होता है तब हर समय मंदी दिखाई देती है।
  6. अगर भाव 52 सप्ताह के हाय पर होगा और आरओसी हाय पर नहीं होगा तो समझना चाहिए कि उस वक्त आपके शेअर्स को जो भाव मिलता है वह भाव आपको मुनाफा दे सकता है।
(ROC) Rate of Change 

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खरीदी कब करनी चाहिए?

  1. जब आरओसी ओवरसोल्ड झोन में से घुमकर सकारात्मक चाल को दर्शाता है और किसी भी चार्ट पर स्वयं के निश्चित रेसिस्टन्स के स्तर को पार करता है तब खरीदी करनी चाहिए।
  2. भाव और आरओसी के दरम्यान सकारात्मक डायवर्जन्स का निर्माण हुआ तो खरीदी करनी चाहिए।

बिक्री कब करनी चाहिए ?

  1. आरओसी जब किसी निश्चित स्थापित ओवरबॉट स्तर पर से पिछे गिरावट की शुरूआत होती है तब बिक्री करनी चाहिए। घुमकर
  2. आरओसी और भाव के दरम्यान नकारात्मक डायवर्जन्स का निर्माण होता है। तब बिक्री की शुरूआत करनी चाहिए।

मूल बात :

नई ट्रेडिंग तकनीकें और विचार हर दिन विकसित होते रहते हैं। लेकिन किसी को यह समझने की जरूरत है कि वह कौन सी तकनीक और किन ट्रेडिंग  इंडीकेटर्स के साथ सहज है और उसके अनुसार प्रयोग करते है। यदि ट्रेडर  अपने जीवन में अनुशासन बनाए रखता है तो उसके पास असाधारण लाभ कमाने की संभावना है।

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