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SEBI ने ब्रोकर के खाते में पड़ी रकम के सेटलमेंट नियम में बदलाव करने का फैसला लिया।

SEBI ने ब्रोकर के खाते में पड़ी रकम के सेटलमेंट नियम में बदलाव करने का फैसला लिया। SEBI ने सभी ब्रोकर से कहा है,अब शेयर ब्रोकर ग्राहकों के खाते में पड़ी बिना उपयोग वाली राशि एकाउंट का सेटलमेंट तिमाही या माह के पहले शुक्रवार या शनिवार को कर सकते हैं।

शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाले नियामक सेबी ने स्टॉक ब्रोकर के पास ग्राहकों के खाते में पड़ी बिना उपयोग वाली राशि के सेटलमेंट को लेकर नियम को आसान बनाया है। इसके तहत, अब शेयर ब्रोकर।

SEBI ने ब्रोकर के खाते में पड़ी रकम के सेटलमेंट नियम में बदलाव करने का फैसला लिया। ग्राहकों के खाते में पड़ी बिना उपयोग वाली राशि चालु एकाउंट का सेटलमेंट तिमाही या माह के पहले शुक्रवार या शनिवार को कर सकते हैं।कारोबारी सदस्य दिन की समाप्ति पर फंड को लेकर दायित्व पर विचार करने के बाद शेयर बाजार की तरफ से निर्धारित तिथियों पर तिमाही और मासिक आधार पर ग्राहकों की पसंद के अनुसार चालु खातों का सेटलमेंट करेंगे।

SEBI ने क्या कहा :

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ग्राहकों के खातों के ऐसे मासिक और तिमाही सेटलमेंट की तारीखों पर एकरूपता और स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए शेयर बाजारों को ‘Runing’ Account सेटलमेंट तिमाही और मासिक के के लिए वित्त वर्ष की शुरुआत में संयुक्त रूप से कैलेंडर जारी करने के लिए कहा है।

सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि जनवरी से मार्च, 2024 के तिमाही सेटलमेंट और जनवरी, 2024 के महीने सेटलमेंट के लिए नया नियम लागू होगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत सेबी ने तिमाही या महीने के पहले शुक्रवार को ग्राहक के अकाउंट में सेटलमेंट करना ज़रूरी है।

ब्रॉकेज ने की थी अपील ब्रोकरों के इंडस्ट्री स्टैंड फोरम के आग्रह के बाद उठाया गया है। उनका कहना था कि सेटलमेंट के एक ही दिन होने के कारण ब्रोकरों के सामने समस्याएं आती हैं। सेटलमेंट के दिन व्यस्त गतिविधियों के कारण गलतियों और चूक की संभावना होती है।

उन्होंने सुझाव दिया था कि परिचालन संबंधी समस्याओं के कारण कारोबारी सदस्यों को ग्राहकों के ‘रनिंग’ खातों के सेटलमेंट के लिए शुक्रवार या शनिवार की अनुमति दी जानी चाहिए। सर्कुलर के अनुसार, “उचित विचार-विमर्श के बाद SEBI ने ग्राहकों के चालू खाते का सेटलमेंट को करने की सिफारिश को स्वीकार करने का निर्णय किया हा इससे सेटलमेंट की प्रक्रिया सुव्यवस्थित होगी और कामकाज करने में आसानी होगी।”

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