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जानिये इंट्राडे ट्रेडिंग के 8 नियम जो आपको पता होना ही चाहिए | Intraday Trading Rules in Hindi

Intraday Trading Rules in Hindi

Intraday Trading Rules in Hindi

Intraday Trading Rules in Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम मार्केट में हजारों स्टॉक हैं जिससे ट्रेडर अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं । लेकिन जब हम इंट्राडे ट्रेडिंग की बात करते हैं तो स्टॉक को लेकर चुनाव सबसे  कठिन फैसलों में से एक माना जाता है । शेयर बाजार के नियम को ध्यान में रख कर हम सही स्टॉक का चुनाव कर सकते हैं । स्टॉक का चुनाव करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखें जाते हैं जैसे की  हमेशा लिक्विड स्टॉक का चुनाव  करें ऐसे स्टॉक से दूर रहें जिसकी वोलैटिलिटी मार्केट में अधिक हो । जैसे adani stock  मार्केट ट्रेंड के हिसाब से स्टॉक का चयन करें । पहले ट्रेंड रिकॉर्ड को ज्यादा महत्व न दें खास तौर में इंट्राडे ट्रेडिंग में कोशिश करें कि वर्तमान ट्रेंड को ध्यान में रखा जाए । ऐसी कंपनी के स्टॉक को चयन  प्राथमिकता दें जिसकी जानकारी ज्यादा जानकारी आपके पास उपलब्ध हो । तो इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक चयन को लेकर कुछ नियम थे लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए हमेशा इन नियमों का पालन करें जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के चल को आसान बना देगा । 

मार्केट जिस तरफ जा रहा उस तरफ ट्रेड करना :

इंट्राडे मार्केट पानी की लहरों की तरह हैं । यह समय – समय पर ऊपर और नीचे होती रहती हैं । इसलिए एक इंट्राडे ट्रेडर के लिए वर्तमान मार्केट के ट्रेंड के अनुसार ट्रेडिंग करना बेहद महत्वपूर्ण है | एक इंट्राडे ट्रेडर को उतार – चढ़ाव का पालन करना चाहिए और उसके साथ ही जाना चाहिए । जब मार्केट में तेज़ी होती है , तो इंट्राडे ट्रेडर को उन शेयरों का चयन करना चाहिए जिसमें ऊपर जाने की संभावना है ।जब मार्केट में मंदी होती है , तो उन्हें उन शेयरों की पहचान करनी चाहिए जो नीचे जा सकते हैं । इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेंड्स में तेजी से बदलाव होते हैं और इन बदलावों को ध्यान से देखना चाहिए । ट्रेडर को रुझान को पहचान करने के बाद उनका पालन करना चाहिए । जब मार्केट ऊपर की तरफ बढ़ रही हैं , तो कुछ शेयर अधिक तेजी से आगे बढ़ते हैं और ट्रेडर को इन शेयरों में ट्रेडिंग करनी चाहिए , क्योंकि उनमें अधिक मुनाफे और कम जोखिम की संभावना होती है । इसी तरह , जब मार्केट नीचे जा रही हैं , तो इंट्रा डे ट्रेडर को उन शेयरों में काम करना चाहिए जो मार्केट में तेजी से गिर रहे हैं । एक ट्रेडर को ट्रेंड्स और मार्केट की चाल को पकड़ने की कोशिश करनी चाहिए ।

1)ट्रेडिंग करने से पहले रिसर्च किया ट्रेड में ही ट्रेड करें। :

ट्रेडिंग शुरू करने से पहले मार्केट और स्टॉक के बारे में रिसर्च जरूर करें । बिना प्रैक्टिस के मैदान में उतरना आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग में छोटी से गलती बड़ा नुकसान दे सकती है । इससे बचने के लिए रिसर्च करें । इसके लिए आप विभिन्न तरह के चार्ट्स का सहारा ले सकते हैं और स्टॉक प्राइस ट्रेंड का सही अनुमान लगा सकते हैं । चार्ट्स और इंडीकेटर्स की जानकारी के लिए आप शेयर बाजार से जुड़ी किताबे ( share market books in hindi ) पढ़ सकते है , जिसमे स्टॉक का चयन कैसे करे और किस तरह से ट्रेड कर ज़्यादा मुनाफा कमाए बहुत हे आसान भाषा में समझाया गया है ।

2) डिसिप्लीन से ट्रेड करें। :

कोई भी मार्केट हो वहां आपके भावनाओं की कोई जगह नहीं होती । हमेशा ट्रेड करते समय भावनाओं की जगह अपने रिसर्च पर भरोसा रखें । भावनाओं में लिए गए निर्णय आपको मार्केट में नुकसान पहुंचा सकती है । अगर भावनाओं को अपनी ट्रेडिंग में डालोगे तो इसका मतलब आपकी कोई इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी नहीं है। को भी अच्छे से समझने की कोशिश कीजिये । अक्सर देखा जाता है कि ट्रेडर कभी लॉस के डर से या कभी ज्यादा रिटर्न की चाह में निर्णय लेते हैं । ऐसे निर्णयों से ट्रेडिंग करते वक्त दूरी रखनी चाहिए । आपके एक दिन का ज्यादा रिटर्न दूसरे दिन ज्यादा नुकसान भी दे सकता हैं।

3) हमेशा स्टॉप लॉस के बिना ट्रेडिंग न करें। :

अगर आप स्टॉक मार्केट में लम्बे समय तक टिकना तो स्टॉप लॉस का प्रयोग अवश्य करें।

इंट्राडे ट्रेडिंग आपको एक दिन में बड़ा रिटर्न दे सकती है लेकिन इसके उलट नुकसान की संभावना भी इंट्राडे ट्रेडिंग में अधिक होती है । इसलिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस आर्डर का उपयोग करें । स्टॉप लॉस ऑर्डर आपके जोखिम को सीमित करता है । यह सुनिश्चित करता है कि आपको नुकसान उतना ही हो जितना आप आसानी से झेल सकें । एक सही स्टॉप लॉस को सुनिश्चित करने के लिए स्टॉक मार्केट के खेला को समझे और उसके अनुसार एक सही वैल्यू पर स्टॉप लॉस लगाए ।

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4) अलग – अलग स्टॉक में पैसा लगाएं: 

 एक ही कंपनी के ज्यादा शेयर खरीदने की बजाए अलग अलग कंपनियों के शेयर खरीदें । हालांकि यह नियम ज्यादातर लांग टर्म निवेश के लिए अपनाया जाता है लेकिन यदि इसका प्रयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में किया जाए तो ये यहां भी फायदेमंद साबित हो सकता है । इसके पीछे कारण यही है कि स्टॉक मार्केट राजनीतिक , आर्थिक गतिविधि के अलावा और कई कारणों से प्रभावित होता है । दिन में कई बार मार्केट इन कारणों से ऊपर या फिर नीचे जा सकता है इसलिए जोखिम कम करने के लिए अलग – अलग क्षेत्र की कंपनियों के शेयर में पैसे लगाने चाहिए ।

5) कम पैसों से शुरुआत करें। :

 इंट्राडे ट्रेडिंग में ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में ज्यादा पैसे न लगाएं । कभी भी उधार मांग लेकर पैसे न लगाएं क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग में हमेशा लाभ कमाने के चाकर सोच घातक भी हो सकती है । पैसे उतने ही लगाएं जिसका नुकसान आप बिना किसी मानसिक दबाव को झेल सकें ।

6)योजना के साथ ट्रेड करें :

 एक योजना के साथ ट्रेडिंग की शुरुआत करें । इतना ही नहीं जिस योजना के साथ आपने ट्रेडिंग शुरू की थी उस पर अड़े रहना भी उतना ही जरूरी है । स्टॉक मार्केट अफवाहों और कभी कभी झूठी खबरों से भी प्रभावित होता है । इसलिए जरूरी है कि एक योजना के तहत मार्केट में उतरा जाए । किसी भी प्रकार की खबर या सूचनाओं पर तभी विश्वास करें जब खबर को सोर्स अधिकृत हो । जिम्मेदारी के साथ निर्णय लें और मार्केट के ट्रेंड को करीब से समझने की कोशिश करें । एक साथ कई रणनीतियों का उपयोग करने की जगह एक बार में उन्हीं रणनीतियों को व्यव्हार में लाएं जिसमें आप मास्टर हैं या फिर जिस रणनीति के साथ आपके ट्रेड का अनुभव अच्छा रहा है ।

7) नुकसान उठाने की क्षमता पहचाने:

 इट्राडे ट्रेडिंग करने से पहले अपने जोखिम उठाने की क्षमता को पहचाने । आपके जोखिम उठाने की क्षमता आपकी उम्र , ट्रेडिंग करने का आपका अनुभव , स्टॉक के बारे में आपका ज्ञान मार्केट की समझ आदि कई चीजों पर निर्भर करती है । इन चीजों के आधार पर ही आप अपने जोखिम उठाने की क्षमता को पहचान सकते हैं । इससे आपके ट्रेडिंग निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाएगी । याद रखें कि जोखिम उठाने का परिणाम ही आपको लाभ देता है ।

8) एक्स्ट्रा ट्रेड न करें। :

 ऊपर हमने मल्टीपल स्टॉक में पैसा लगाने की बात कही लेकिन इसके साथ – साथ हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि ओवरट्रेड न करें । मार्केट की वोलैटिलिटी जरूर अस्थिर स्वभाव वाली होती है । लेकिन ऐसा हर दिन नहीं होता है इसलिए इंट्राडे ट्रेडर को सलाह दी जाती है कि ओवडट्रेडिंग करने से बचें । अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग अपने लॉस को कम करने के लिए ओवरट्रेड की रणनीति को अपनाते हैं और अंत में काफी नुकसान उठाते है ।

9) ट्रेंड के महत्व को समझें :

 हमेशा से कहा जाता है कि ट्रेडिंग में अपने रिसर्च को ज्यादा महत्व दें । लेकिन कई पूर्व अनुमान सही नहीं होता है । इसलिए वर्तमान ट्रेंड को भी नजरअंदाज न करें । स्टॉक के बेहतर विश्लेषण के लिए स्टॉक के सपोर्ट और रेजिस्टेंस की जानकारी ले जिसके लिए आप इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला का उपयोग कर सकते है । हालांकि ये सलाह केवल इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सही मानी जाती है । इंट्राडे ट्रेडिंग में आमतौर पर देखा जाता है कि जब कोई स्टॉक एक दिशा में बढ़ना शुरू करता है , तो वह पूरे दिन उसी रास्ते पर चलता है । एक दिन की अवधि आमतौर पर शेयरों के ठीक होने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता है ।

SEBI Intraday Trading New Rule:

भारत के फाइनेंशियल मार्केट को निगरानी करने वाली संस्था सेक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया  ने ट्रेडर के हितों को ध्यान में रखते हुए 1 सितंबर 2021 से पीक मार्जिन के नए नियम को लागू किया है । इस नियम के तहत ब्रोकर द्वारा ट्रेडर को दिए जाने वाले मार्जिन को सीमित कर दिया गया है । अब ब्रोकर केवल ट्रेड वैल्यू का 5 प्रतिशत मार्जिन ही दे सकता है । पहले इस प्रकार की सीमा नहीं थी । ट्रेडर यदि इन नियमों को ध्यान में रखकर अपने इंट्राडे ट्रेडिंग की यात्रा शुरू करे तो उसमें सफल होने की संभावना न केवल बढ़ जाएगी बल्कि कम समय में ट्रेडर ज्यादा रिटर्न पाने के सपने को भी सच कर पाएगा ।

निष्कर्ष:

अगर आप शेअर मार्केट में और जानकारी चाहते हो तो आप लगातर निवेशगुरू ब्लॉग पढ़ते रहें । और आप आसानी से शेयर मार्केट सीख सकते हो ।किसी विषय में और जानकारी चाहते तो कॉमेंट करें।

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