मूविंग एवरेज से आप क्या समझते हैं | Moving Average in Hindi

स्टॉक मार्केट में शेयर के प्राइस और ट्रेंड का पता लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के इंडिकेटर मौजूद है उन्हीं में से एक इंडिकेटर मूविंग ऐवरेज है जो मार्केट के उतार-चढ़ाव को फिल्टर करके हमें प्राइस एक्शन और ट्रेंड का पता चलता और ट्रेंडिंग कराने में मदद करता है। चलिए अब हम मूविंग एवरेज के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं ।

मूविंग एवरेज से आप क्या समझते हैं

मूविंग ऐवरेज क्या है ? | What is moving Average ?

यह एक सुस्त सूचक है अर्थात उसमें आपको संकेत कम मात्रा में मिलते हैं l

मूविंग ऐवरेज क्या है
  • मुविंग ऐवरेज किसी भी शेअर्स के भाव को किसी भी कालावधी के अनुसार ॲवरेज भाव को पेश करने का एक तरीका है। समय के अनुसार भाव बदलता है वैसे ही अँवरेज भी बदलता है। यह बदलाव थोड़ा सुस्त होता है।
  • अगर चालू भाव किसी ऐवरेज के ऊपर निकल गया तो आपको खरीदी का संकेत मिलता है ऐसा कहा जाता है। उसी तरह से कोई “X” दिनों के ॲवरेज उस से अधिक दिनों के Average के ऊपर निकल गया तो भी आपको खरीदी का संकेत मिलता है। “X” कितने दिनों का Average होगा इसका आधार किसी भी टाईमफ्रेम पर होता है।
  • एक बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि मूविंग ऐवरेज का हेतु आपको किसी भी शेअर्स या बाज़ार का स्थापित ट्रेन्ड दर्शाना होता है, उसका हेतू बाज़ार का टॉप या बॉटम जानना नहीं।
  • मुविंग ऐवरेज पर सपोर्ट और रेसिस्टन्स आता हुआ नज़र आता है और उस प्रकार से भी वह उपयोगी होता है।

उपयोग कब करना चाहिए  :

  • मुविंग ऐवरेज का सफल उपयोग ट्रेन्ड जानने के लिए हो सकता है। परंतु एक ही Average के आधार पर कोई दुसरी पूर्व सूचना देना संभव नहीं है।
  • उसका उपयोग ट्रेडिंग अर्थात दिशा स्थापित और गतिशील बाज़ार में करना चाहिए। क्योंकि वह ट्रेन्ड को फॉलो करते है और इसके लिए ही सिर्फ ट्रेडिंग के बाज़ार में अधिक उपयोगी हो सकते हैं।
  • ट्रेन्ड जाँचने के लिए मुविंग ऐवरेज कम दिनों की अर्थात 2 या 3 दिन और अधिक दिनों की अर्थात 14,50, 100, 200,आदि दिनों की हो सकती है।
  • कितने दिनों के ऐवरेज का चयन करना चाहिए वह उपयोग में आनेवाले टाईम फ्रेम पर निर्भर होता है।
  • ज्यादा महत्व 200 दिनों केAverage को दिया जाता है।
  • ऐसा कहा जाता है कि तेजीवाले 200 दिनों के ॲवरेज के ऊपर होते है और मंदीवाले 200 दिनों के ॲवरेज के नीचे होते है।
  • कम कालावधी में लोग दो से तीन सप्ताह का ट्रेन्ड जानने के लिए 21 दिनों के Average की मदद ले सकते है।
  • मुविंग अँवरेज सुनिश्चित करता है कि निवेशक किसी भी ट्रेन्ड की दिशा मैं निवेशित है। • उस से कम कालावधी के लिए 10 से 20 दिनों के अँवरेज का उपयोग किया जा सकता है।
  • मुविंग ऐवरेज का उपयोग प्रमुखरूप से ट्रेन्ड जाँचने के लिए होता हैं।
  • किसी शेअर्स का भाव उसके कई दिनों के अँवरेज के ऊपर होता है तब वह अधिक मजबूत माना जाता है। जब तक दिर्घ कालावधी का मुविंग अँवरेज ऊपर की दिशा में होता है तब तक किसी भी शेअर्स में निवेशित रहने में कोई भी दिक्कत नहीं होती।

मूविंग एवरेज क्रॉसओवर | moving average crossover indicator

moving average crossover indicator
  • जब कम दिनों का अँवरेज उसके ज्यादा दिनों के Average के ऊपर निकल जाता है तब खरीदी के संकेत मिलते है। 
  • मुविंग ऐवरेज का उपयोग दो और उस से भी अधिक ऐवरेज को जोड़कर खरीदी और बिक्री के सिग्नल हासिल करने के लिए किया जा सकता है। 
  • कम कालावधी के लिए 3 और 7 दिनों का या फिर  7और 21 दिनों के ऐवरेज का उपयोग किया जाता है।
  • दिर्घ कालावधी के लिए 14और 42 या फिर उस से भी अधिक दिनों के ऐवरेज का उपयोग किया जा सकता है।

मुविंग ऐवरेज के प्रकार – Types Moving Average :

1.एक्सपेंनेंशियल मूविंग एवरेज – Exponential Moving Average:

  • सिम्पल मुविंग ऐवरेज में होनेवाले लेग को घटाने के लिए कई निष्णात एक्सपोनेन्शिअल मुविंग Average का उपयोग किया जाता है।
  • एक्सपोनेन्शिअल मुविंग ॲवरेज दिर्घ कालावधी की तुलना में कम कालावधी के भाव पर अधिक जोर देती है और लेग को घटाती है। भाव के बदलाव के साथ वह बहुत ही अच्छा प्रत्याघात दे सकती है। 
  • कौन से मुविंग ॲवरेज का उपयोग करना चाहिए यह आपका अभ्यास, ट्रेडिंग का तरीका और रूची पर निर्भर होता है।

2.सिम्पल मुविंग ऐवरेज – Simple Moving Average:

  • सिम्पल मुविंग ॲवरेज में लेग होता है यह बात सच है। पर एक्सपोनेन्शिअल मुविंग अँवरेज में बहुत ही जल्द ब्रेक आऊट आ सकता है।
  • इसलिए निवेशकों को पहले यह देखना आवश्यक है कि किसी भी शेअर्स या बाज़ार में ट्रेन्ड स्थापित है या नही। उसके बाद ही मुविंग ॲवरेज के अभ्यास पर लक्ष्य केंद्रित करना चाहिए। 
  • अगर भाव में अफरातफरी की स्थिति शुरू हो तो ऐसे वक्त मुविंग ॲवरेज का उपयोग नहीं करना चाहिए।

यह भी पढ़ें : म्युचुअल फंड और शेयर मार्केट में अंतर – MUTUAL FUND VS SHARE MARKET

दो मुविंग ऐवरेज की सिस्टम -Two Moving Average System :

इसमें दो ॲवरेज का उपयोग होता है जिसमें एक ऐवरेज फास्ट होता है जैसे कि ५ दिनों का ॲवरेज और दुसरा स्लो ॲवरेज जिसका आधार कौनसी कालावधी की दृष्टी से ट्रेड करने वाले है उस पर आधारित होता हैं।

Two Moving Average System

इसमें भी सिंगल मूविंग एवरेज जैसे ही दुर्बलता होती है ।अर्थात वह रेंज वाले बाजार में अच्छा काम नहीं करते ।

Two Moving Average System

डबल ऐवरेज की मदद से मिलने वाले खरीदी और बिक्री के संकेत :

  • संकेत मिलता है जब दो Moving Average एक दुसरे को काटने के बाद आगे बढ़ते जाते है। 
  • खरीदी कीजिए जब फास्ट मुविंग ऐवरेज स्लो मुविंग ॲवरेज को नीचे से ऊपर की दिशा में काटता है।
  • बिक्री करनी चाहिए जब फास्ट मुविंग ऐवरेज स्लो मुविंग ऐवरेज को ऊपर से नीचे की दिशा में काटता है।
  • दो मुविंग ऐवरेज के संदर्भ में संकेत हासिल करने के लिए कम कालावधी के मुविंग ॲवरेज का उपयोग करना चाहिए।

टाईम फ्रेम – भिन्न संयोजन :

  • इसमें 3-7, 7-21, 14-28, आदि अलग अलग ॲवरेज का संयोजन करके संकेत हासिल किए जाते है।
  • 3 और 7 दिनों के ॲवरेज का क्रॉसओवर आपको ट्रेन्ड रिवर्सल का पूर्व संकेत देती है। हमेशा पहले साप्ताहिक और मासिक चार्ट के ट्रेन्ड को जाँचकर देखना चाहिए। जहा पर कम कालावधी में आनेवाली बढ़ोतरी पुलबॅक मात्र होती है। जो दुध के उबाल के समान हो सकता है। उसके बाद दिर्घ कालावधी का सुधार आगे बढ़ता है या नहीं यह जान लेना चाहिए।
  • जब दिर्घ कालावधी के मुविंग ॲवरेज में खरीदी का संकेत मिलता है तब ऐसा कहा जा सकता है कि दिर्घ कालावधी का ट्रेन्ड स्थापित होनेवाला है।

उदाहरण 50 और 200 के Moving Average का क्रॉसओवर आता है तब दिर्घ कालावधी की तेजी स्थापित होते हुए नज़र आती है। एक बार आप ट्रेन्ड को जानले तो हमेशा ट्रेन्ड की दिशा में ही ट्रेडिंग कीजिए।

थ्री मुविंग ऐवरेज – Three Moving Average :

तीन मुविंग ॲवरेज सिस्टम रेन्जिंग बाज़ार में अच्छा काम करती है। अगर उसका उपयोग ट्रेडिंग बाज़ार में हुआ तो उसमें उतना फायदा नहीं होता।

तीन मुविंग ॲवरेज के सिस्टम का ट्रेडिंग संकेत

तीन मुविंग ॲवरेज के सिस्टम का ट्रेडिंग संकेत  :

इस सिस्टम में फास्ट, स्लो और मध्यम ऐसे तीन ऐवरेज का समावेष होता है।

प्रवेश का संकेत मध्यम Moving Average दिर्घ मुविंग ऐवरेज के ऊपर निकल जाता है तब मिलता है और एक्झीट पॉईन्ट जब फास्ट मुविंग ऐवरेज मध्यम Moving Average को क्रॉस करता है तब मिलता है।

  • खरीदी संकेत : जब मध्य Average नीचे से स्लो ॲवरेज को ऊपर की दिशा में काटती है और फास्ट ॲवरेज मध्यम ऐवरेज के ऊपर होता है तब खरीदी का संकेत मिलता है। 
  • मुनाफा बुक कीजिए : जब फास्ट मुविंग ॲवरेज मध्यम मुविंग ॲवरेज को ऊपर से नीचे की दिशा में काटती है।
  • बिक्री का संकेत : 
  • जब मध्यम मुविंग ऐवरेज स्लो मुविंग ॲवरेज को ऊपर से नीचे की दिशा में काटती है और फास्ट ॲवरेज मध्यम ऐवरेज के नीचे होता है।
  • शॉर्ट कवर कीजिए :

जब फास्ट मुविंग अँवरेज मध्यम मुविंग अँवरेज के ऊपर निकल जाता है।

मूल बात :

नई ट्रेडिंग तकनीकें और विचार हर दिन विकसित होते रहते हैं। लेकिन किसी को यह समझने की जरूरत है कि वह कौन सी तकनीक और किन ट्रेडिंग  इंडीकेटर्स के साथ सहज है और उसके अनुसार प्रयोग करते है। यदि ट्रेडर अपने जीवन में अनुशासन बनाए रखता है तो उसके पास असाधारण लाभ कमाने की संभावना है।

Leave a Reply

सहारा के निवेशकों को क्यों नहीं मिल रहा पैसे रिफंड? जानिए Nestle India अपने शेयर को छोटे टुकडे में क्यू बाटने वाली हे Hillary Clinton Steps Down as Secretary of State How to Check SBI Credit Card Application Status? Social Security Recipients Who Will Receive 2 Checks Student Loan Refund Check Mail sbi mutual fund nivesh Social Security Benefits are Going Up क्य आप जानते हे सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी Angel One Share Target price 2023 Se 230 Tak Tata Power Share Price Target 2022 Se 2030 Tak नरेगा जॉब कार्ड लिस्ट 2023 कैसे चेक करें? How to Apply for a Google Store Financing Card Student Loan Debt Relief Supreme Court पीएम मोदी की मां हीराबा डेथ अपडेट्स CEO of ICICI Chanda Kochhar Arrested What Will the Social Security COLA Be in 2023? Greenwich Energy Company Profile and News Social Security Payments for December AU Calls for a Viable Pharmaceutical Industry for Africa