शेयर बाजार क्या है Share Market in Hindi

आज हम इस पोस्ट में चर्चा करने वाले है कि शेयर बाजार क्या है, शेयर बाजार कैसे काम करता है इसके बारे में पूरी जानकारी जाना चाहते हो तो आर्टिकल को पुरा पढ़ने से आपको पता चल जायेगा कि शेयर बाज़ार क्या है. शेयर बाजार कैसे काम करता है,(Share Market in Hindi) शेयर बाजार कितने प्रकार के होते है, Types of share market और शेयर मार्केट में पैसा कब और कैसे invest करना चाहिए।

शेयर मार्केट 

शेयर मार्केट एक ऐसा मंच है जहां खरीदार और विक्रेता दिन के विशिष्ट घंटों के दौरान सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध शेयर पर व्यापार करने के लिए एक साथ आते हैं लोग अक्सर शेयर बाजार और शेयर बाजार शब्दों का प्रयोग करते हैं हालांकि दोनों के बीच  अंतर हैं इसमें शेयर  की खरीद बिक्री होती है यह एक प्रकार का व्यापार होता है इनमें विभिन्न वित्तीय प्रतिभूति होती है जैसे बॉन्ड ड्रेवेटिव  विदेशी मुद्रा व्यापार करने करने की अनुमति देता है

भारत में दो प्रमुख अक्सर स्टॉक एक्सचेंज हैं  

  1. BSE
  2. NSE

(1)  बी एस सी (BSE)का पूरा नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बीएसई की स्थापना 1875 ई में हुवा

 बॉम्बे स्टॉक एक्सचेन्ज-BSE ( Bombay Stock Exchange ) यह सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि संपूर्ण एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेन्ज है । भारत का यह पहला सरकारी अनुमती वाला एक्सचेन्ज है । बी.एस.ई. में बोल्ट के आधार पर शेअर्स का ऑनलाईन ट्रेडिंग किया जाता है । बी.एस.ई. ने भारत में 400 से भी अधिक शहरों में अपनी सेवा शुरू की है ।

(2 ) नेशनल स्टॉक एक्सचेन्ज एन . एस . ई ( National Stock Exchang – N.S.E )

नेशनल स्टॉक एक्सचेन्ज ( एन.एस.ई. ) में अप्रेल 1994 से होलसे डेब्ट मार्केट में ट्रेडिंग शुरू हुआ और जून 1994 में कैपिटल मार्केट यानी की शेअर्स का ट्रेडिंग शुरू हुआ ।  तब से आजतक वह एक अच्छे बहुमूल्य  वाला एक्सचेन्ज बना है । उसने एनएससीसीएल ( NSCCL ) National security clearing corporation limited की रचना की है जो क्लीअरींग और सेटलमेन्ट का कार्य करती है । एन.एस.ई. भारत में उसके टर्मिनल का अच्छा खासा नेटवर्क है । एन.एस.ई. इंटरनेट पर भी ट्रेडिंग की सुविधा दी जाती है । 

NSE  एनएससी की स्थापना 1992 ई में हुआ l यह  कारोबार के अनुसार विश्व की तीसरी सबसे बड़ी एक्सचेंज है: 

 आर्थिक बाजार :

आर्थिक बाजार लोगों को शेयर और बॉन्ड आदि में निवेश करने की सुविधा देते हैं। आर्थिक बाजार को प्रमुख रूप से दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है।(1) मनी मार्केट (2) कैपिटल मार्केट 

मनी मार्केट:

मनी मार्केट प्रमुख रूप से  डेब्ट सिक्योरिटी जैसे ट्रेजरी बिल आदि के साथ संबंधित होता है। उसमे कम समयवाला डेब्ट इंट्रूमेंट का ट्रेडिंग होता है ।

केपिटल मार्केट : कैपिटल मार्केट में शेयर और  दीर्घ समय वाले डेब्ट इंस्ट्रूमेंट का ट्रेडिंग होता है। उसमे डेब्ट और शेयर इन दोनो का ट्रेडिंग किया जाता है 

 शेयर बाजार के प्रकार

 शेयर बाजार को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है पहला प्राथमिक मार्केट दूसरा द्वितीय मार्केट

 प्राथमिक मार्केट: जब कोई कंपनी शेयर बाजार के माध्यम से  धन जुटाने के लिए धन जुटाने के लिए स्टॉक मार्केट में पंजीकृत करता है तो प्राथमिक बाजार में आता है जिसे हम आईपीओ कहते हैं जिसे कंपनी   पब्लिक  मे लिस्टेड हो जाता है तो हम इस शेयर  का बाजार के भीतर कारोबार किया जाता है

द्वितीय मार्केट: जब एक बार कंपनी प्राथमिक बाजार में बेच दिया जाता है तो उसे द्वितीय शेयरों में कारोबार किया जाता है। यहां यहां निवेशक को को बाजार को मौजूदगी कीमत पर आपस मैं शेयर खरीदना और बेचना के लिए मिलता है। आमतौर पर निवेशको को लेने देन के लेन-देन  के लिए दलाल के माध्यम  करते हैं 

नोट ( Note ) : ब्रोकर को एक्सचेन्ज का सभासद होना पड़ता है , जिस से निवेशक उनकी मदद से बाज़ार में ट्रेडिंग कर सकते हैं । फिलहाल दोनों बाज़ार में ट्रेडिंग का समय सुबह 9.15 से दोपहर 3.30 के बिच का है । 

 ईन्डेक्स ( Index ) :  (NSE. ) और ( BSE . ) में लिस्ट हुई हाई लिक्वीडीटी ( नगद ) वाली कंपनियों के आधार पर उसकी रचना की जाती है । वहा प्रमुख रूप से दो ईन्डेक्स की चर्चा की जाती है सेन्सेक्स और निफ्टी के सेक्टर पर आधारित कई और भी ईन्डेक्स उपलब्ध है । 

सेन्सेक्स ( Sensex ) :  बी.एस.ई. पर आधारित ईन्डेक्स को ” सेन्सेक्स ” कहा जाता है । उसकी रचना सुन 1875 में हुई और उसकी गिणती मार्केट कॅपिटलायजेशन वेटेड तरीके से हुई । • बी.एस.ई . में विविध क्षेत्र पर प्रभुत्ववाले 30 कंपनियों का समावेष किया गया है ।  BSE का मून 1978_79बेस वर्ष माना जाता है । भारतीय अर्थतंत्र की स्थिति का चित्रण करने के लिए उसे बहुत ही महत्वपूर्ण समझा जाता है ।  

निफ्टी (NIFTY)एन.एस.ई. पर आधारित ईन्डेक्स को ” निफ्टी ” कहा जाता है । एन.एस.ई. में 22 विविध क्षेत्रों में प्रभुत्ववाली 50 कंपनियों का समावेष किया गया है । उसकी रचना बी.एस.ई. से कुछ अलग है। उसका उपयोग विधिक कार्य जैसे कि फंड पोर्टफोलियो इंडेक्स पर आधारित डेरिवेटिव और इंडेक्स फंड के बेंच मार्किंग के लिए किया जाता है

सेबी  सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ( SEBI-Serurities and Exchange Board of India)

सेबी Securities and Exchange Board of India ) : सिक्योरिटीज एंड एक्सचेन्ज बोर्ड ऑफ इंडिया ( SEBI  सेबी की रचना अप्रेल 12  1992 ई में हुई । वह प्रमुख रूप से केन्द्रीय सरकार के नियंत्रण की भूमिका निभाती है । उसका मुख्य हेतू और कार्य नीचे की तरह है । उसकी मूलभूत जिम्मेदारी निवेशकों के हितों का रक्षण करना यह है और बाज़ार में जरूरी कानून और नियमों का पालन हो रहा है या नहीं यही देखना है । • शेअर बाज़ार की प्रगती और उसके नियमों का पालन । फ्युचर (Future) और ऑप्शन (Option) के बाज़ार का नियम का पालन करना ।

ये भी पढें : शेअर मार्केट के फायदे और नुकसान 2022 (Share Market ke Fayada or Nuksan in Hindi )

पोर्टफोलीओ मॅनेजमेन्ट के लिए जरूरी मार्गदर्शन करना । शेअर बाज़ार और अन्य बाज़ार के साथ जुड़े हुए मध्यस्थ लोगों का मार्गदर्शन करना । शेअर ट्रान्सफर एजन्ट और रजिस्ट्रार एन्हाई मार्गदर्शक सूचनाएं देना । आयपीओ (IPO-Initial public offering)  म्यूचुअल फंड(Mutual Fund)और डेब्ट ईन्स्ट्रुमेन्ट के लिए योग्य सूचनाएं देना । कंपनी टेकओवर (Takenover) के लिए जरूरी मार्गदर्शन करना । • ईन्साईडर ट्रेडिंग के लिए मार्गदर्शन करना । औद्योगिक संस्थाओं के लिए आवश्यक आचार संहिता का पालन करना । • निवेशक ने यदी कोई फिर्याद की हो तो सेबी के समक्ष वह अपनी फिर्याद लिखित स्वरूप में पेस कर सकते ।

इंटरनेट पर भी शिकायत की जा सकती है

या शिकायत सेबी के वेबसाइट पर हम कर सकते हैं

शेअर बाज़ार में कमाई करने के लिए उपलब्ध विकल्प ( Options to Make Money in Stock Market ) 

*निवेश ( डिलीवरी पर ट्रेडिंग ) 

* स्पेक्युलेशन ( ईन्ट्राडे और डेरिवेटिव्ह पोजिशन 

* हेजिंग और आर्बिट्रेज  

*मार्जिन फंडिंग ।  

*डिविडन्ड की आय 

निवेश ( Investment ) : जो लोग कुछ दिन या महिने या कुछ वर्ष शेअर्स वैसे ही रखने के लिए तैयार होते हैं उन्हें यह डिलीवरी लेनी पड़ती है । शेअर दलाल के पास से शेअर खरीदन के बाद वह शेअर उनके डिमेट अकाऊंन्ट में जमा होत है । अब वह ईलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में होते है और आपको उनका मासिक स्टेटमेन्ट या त्रैमासिक जो आपने निश्चत किया है उस प्रकार से मिलता है । आपको अपने खाते में बचे बॅलेन्स शेअर्स की जानकारी दी जाती है । यह विकल्प उन लोगों के लिए होता है जिन्हें स्वयं के पास कितनी रकम है उसके प्रमाण में अच्छे शेअर्स खरीदकर रखने होते हैं । आगे समझ सके उस तरह से डिलिवरी लेना नहीं भूलना चाहिए । हम कोई बीज बोते है और उसकी अच्छी देखभाल करनी चाइये  ताकि आगे चलकर अच्छा फल मिलता है । ठिक वैसे ही शेअर्स के विषय में भी होता है । जिस तरह से पेड़ पर लगे फल का उपयोग ठिक समय पर नहीं किया तो वो सड़ जाता है उसी तरह से हमें डिलीवरी में से मिलनेवाले फायदे को ठिक समय पर जमा कर लेना सिखना चाहिए । डिलीवरी लिए हुए शेअर्स का योग्य ट्रेडिंग हुआ तो दिर्घ समय में अच्छा फायदा मिलने की संभावना होती है । जो माल घर में पड़ा है उसका ज्यादा। फायदा लेने के लिए बी टी एस टी (BTST-Buy Today Sell Tomorrow)  और एस टी बी टी (STBT- Sell Today Buy Tomorrow )का उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष :

आर्टिकल को पढ़ने पर आपको पूरा समझ में आ गया होगा कि शेयर बाज़ार क्या है शेयर बाज़ार कैसे काम करता है शेयर बाजार कितने प्रकार होते हैं, ओर शेयर बाजार में कब हमे निवेश करना चाहिए। अगर आपके मन को कोई सवाल है तो कॉमेंट में पुछना ना भुले । ओर अच्छी लगे तो अपने दोस्तो को शेयर करना ना भुले।

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