शेयर बाजार के नियम ? Share bazar ke niyam

अगर आप शेयर बाजार से पैसा बनाना चाहते हैं तो आपको शेयर बाजार के नियम ध्यान में रखने होंगे। शेयर बाजार के नियम पता होने पर आप उन सभी नुकसानों से बच सकते हैं जो की एक नए निवेशक को अनजाने में हो सकते हैं।

दोस्तों, यदि आप इस आर्टिकल में दिए गए सभी शेयर बाजार के नियम सही से समझ लेते हैं और फॉलो कर लेते हैं तो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ की आप शेयर मार्केट में लम्बे समय तक ठीके रह पाएंगे और भारी मुनाफा भी कमा सकेंगे।

Share bazar ke niyam

आज इस आर्टिकल में हम शेयर बाजार के नियम और शेयर खरीदने के नियम समझेंगे। तो चलिए शेयर बाजार की यात्रा को शुरू करते हैं।

1. सही ब्रोकर का चुनाव

शेअर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले एक डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है।  ब्रोकर के पास में हमें डिमैट अकाउंट खुलवाना होता है। जिसके माध्यम से शेयर बाज़ार में आप शेयर खरीद और बेच सकते है। इसलिए शेयर बाजार का पहला नियम यह कहता है कि आपको एक सही स्टॉक ब्रोकर का चुनाव करना चाहिए । आप एक ऐसे ब्रोकर के साथ में अपना डिमैट अकाउंट खुलवाना  चाहेंगे जो सेबी में रजिस्टर्ड सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त ब्रोकर  होगा।

कई नए निवेशक किसी के बहकावें में आकर ऐसा डिमैट अकाउंट ओपन करवा लेते हैं जो कि थोड़े दिनों में बंद होने वाला होता है या बैंकरप्ट हो जाता है। ऐसी स्थिति में उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए अगर आप एक नए निवेशक हैं तो आपको Zerodha, Angel one, HDFC Securitie, Upstox जैसे स्टॉक ब्रोकर के साथ में अपने निवेश की शुरुआत करनी चाहिए।

2. शुरुवात में इंट्राडे और F&O में ट्रेडिंग करने से बचें

इंट्राडे ट्रेडिंग और F&O में जितने प्रॉफिट कमाने के मौके होते है उतना ही इसमें रिस्क भी होता है, बस उन जोखिमों को समझ कर एक सही निर्णय लेना ।

यहाँ एक ट्रेडर के लिए ज़रूरी हो जाता है कि मार्केट को बारिकियो से समझना l शेयर मार्केट में नए निवेशक जल्दी पैसा बनाने के चक्कर में बिना कुछ सोचे-समझे कम समय वाला ट्रेडिंग करने लग जाते हैं और अपना पैसा गंवा देते हैं। शेयर  बाज़ार में किसी भी अच्छे या बुरे शेअर में कम समय में प्राइस का अनुमान लगाना बहुत ही कठिन काम होता हैं। कम समय में ट्रेडिंग करना काफ़ी जोखिम भार हों सकता हैं।

देखा जाये तो कम अवधि ट्रेडिंग मुख्यतः Hedging के लिए और Institutional investors के लिए ही बनी हैं। एक रिटेल इन्वेस्टर के लिए कम समय वाला ट्रेडिंग और इंट्राडे से लगातार पैसा कमाना बहुत ही मुश्किल होता है।

कम समय वाला ट्रेडिंग से केवल आपका ब्रोकर, को ही अमीर  बनना सकते है एक रिटेल निवेशक नहीं। क्योंकि जितना ज्यादा आप ट्रेडिंग करेंगे उतनी अधिक ब्रोकरेज आपके स्टॉक ब्रोकर को मिलेगी। इसलिए शेयर बाजार के नियम का पहला रूल यही कहता हैं की “पैसा कमाने से अधिक महत्वपूर्ण हैं अपने पैसे को सुरक्षित रखना। 

3. टिप्स के आधार पर आप ट्रेडिंग या शेयर खरीदने से बचे 

स्टॉक मार्किट में फ्री टिप्स देने वाले बहुत हैं जैसे की आपका दोस्त, आपका कोई रिश्तेदार। हम से अधिकतर लोग स्वयं का कोई दिमाग नहीं लगाना चाहते हैं और बस हमेशा टिप्स के आधार पर शेयर खरीदते हैं।

शुरुवाती दौर में मैंने भी ऐसी गलतियां की थी लेकिन अब मैं ये नहीं चाहता की आप भी यही गलतियां करें।

टिप्स आपके पैसों के लिए बहुत ही ज्यादा घातक हो सकती हैं। ये टिप्स आपके पूरे निवेशित पैसों को खत्म करने के लिए पर्याप्त होती है।

आप बिना किसी कंपनी के बारे में जाने जैसे की वो क्या बिज़नेस करती हैं, उसके ऊपर कितना डेब्ट हैं, उसका प्रॉफिट कितना हैं, आप उसमें इन्वेस्ट करते हैं वो आपकी सबसे बड़ी भूल होती हैं।

टिप्स के आधार पर लिए गए शेयर में यदि आपको नुकसान होता हैं तो आप घबराकर अपने निवेश को नुकसान में ही बेच देते हैं। लेकिन वही अगर आपने सही से रिसर्च के आधार पर शेअर ख़रीदे होते है,तो आप नुकसान में नहीं बेचते है क्योंकि कंपनी अच्छी है ,तुरंत या कुछ महीने मे बाउंस बैक कर सकती है ।

अब मैं आपसे एक सिंपल सवाल पूछना चाहूंगा कि यदि ऐसा हैं तो वे खुद ट्रेडिंग क्यों नहीं करते? उन्हें क्या जरुरत हैं, ऐसे पैड कॉल देकर पैसे कमाने की? जबकि अगर वे स्वयं ट्रेड करेंगे तो उन्हें अधिक प्रॉफिट होगा।

इसका सीधा सा उत्तर हैं कि वे शेअर बाज़ार से नहीं बल्कि आपकी जेब से पैसा कमाना चाहते है। यदि इन सर्विस प्रोवाइडर्स की कॉल्स के आधार पर ही सब कुछ होने लगे तो सभी निवेशक इनका सब्सक्रिप्शन लेकर शेयर मार्केट से बहुत सारा पैसा कमा लेते। परन्तु वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं होता हैं।

दोस्तों, मैंने आज तक भी ऐसा कोई व्यक्ति नहीं देखा जिसने पैड कॉल्स के आधार पर बहुत ज्यादा पैसा बना लिया हो। हालाँकि इसमें आपको कम अवधि में फायदा हो सकता हैं परंतु ये धीरे-धीरे आपको नुकसान की ओर ही ले जायेगा। क्योंकि ये आपको लत लगाकर आपके जेब से पैसा निकलवाते हैं।

4. जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर निवेश करें

प्रत्येक व्यक्ति की जोखिम लेने की क्षमता अलग-अलग होती है। कोई हाई रिस्क उठा सकता है तो कोई बहुत कम रिस्क ले सकता है।

इसलिए आपको शेअर बाजार में निवेश करते समय अपने जोखिम लेने की क्षमता का जरूर आकलन करना चाहिए। यदि आप बहुत ही कम रिस्क उठाना चाहते हैं तो आपको ब्लू चिप स्टॉक्स में ही निवेश करना चाहिए।

लेकिन अगर आप थोड़ी रिस्क उठा सकते हैं तो आप मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स में भी निवेश कर सकते हैं। लेकिन आपके लिए मेरी यह सलाह है कि कभी भी बिना रिसर्च और एनालिसिस के आधार पर किसी भी शेयर में निवेश ना करें। यह काफी जोखिम भरा हो सकता है। लेकिन वास्तविक रिस्क तो तब पैदा होती है जब आप बिना सोचे-समझे निवेश करते हैं।

नोट पॉइंट:

पैनी स्टॉक से हमेशा दुर रहना चाहिए। क्योंकि हमें पेनी स्टॉक सस्ता लगता है और हम उसके चंगुल में फंस जाते हैं और हम उसमे पैसा लगा देते हैं , कुछ समय के बाद वह पैसा पूरी तरह से डूब जाता है। पैनी स्टॉक निवेशकों को फसाने के चाल होते हैं

5. लंबी अवधि के लिए निवेश करें

मैंने आपको शेयर बाजार के नियम के पहले रूल में ही बताया हैं की एक रिटेल निवेशक को इंट्राडे या कम समय वाला ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए। शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग काफी रिस्की होती हैं लेकिन जब हम अच्छे क्वॉलिटी स्टॉक्स में लम्बे समय के लिए निवेश करते हैं तो हम बहुत अच्छी वेल्थ बना सकते हैं।

इस कथन का अर्थ हैं कि अच्छी कंपनियों के शेयर खरीदकर हमेशा के लिए होल्ड रखना चाहते हैं तो आप जिस कंपनी के शेयर खरीद रहे हो तो आप उस कंपनी के बिज़नेस में निवेश कर रहे हो ।अगर आपको कंपनी अच्छी रिटर्न दे रहा है तो आप क्यों बाहर होंगे ।

6. स्टॉप लॉस लगाए

यदि आप फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको स्टॉप लॉस का जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। ये शेयर बाजार के नियम में सबसे महत्वपूर्ण नियम है।

यदि आप स्टॉप-लॉस ऑर्डर का प्रयोग करते हैं तो ये आपकी ट्रेडिंग जोखिम को काफी कम कर देता है। ये एक ऑटोमैटिक ऑर्डर होता है जो की शेयर खरीदने या बेचने के पहले ही लगाया जाता है। स्टॉप लॉस किसी स्टॉक का वह प्राइस पॉइंट होता हैं, जहां पर कोई ट्रेडर या इन्वेस्टर अपना लॉस बुक करके उस स्टॉक से निकलने के लिए तैयार बैठे हो। स्टॉक मार्केट में नुकसान को कंट्रोल करने के लिए स्टॉप लॉस का इस्तेमाल किया जाता हैं। इसलिए यदि आप शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग करते हैं तो आपको स्टॉप लॉस को जरूर फॉलो करना चाहिए।

7. शेयर ब्रोकर की एडवाइस से बचें

आप किसी  ब्रोकर के आप अपना डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाते हैं। इस प्रकार आपका ब्रोकर आपसे उम्मीद करता हैं कि आप लगातार शेयर खरीदते और बेचते रहें जिससे की उसकी ब्रोकरेज चार्ज ज्यादा से ज्यादा बने।

इस वजह से आपका  ब्रोकर आपको रेगुलर रूप से मोबाइल और ईमेल पर फ्री कॉल्स भेजता रहता हैं। इस प्रकार आप इन कॉल्स पर भरोसा करके नियमित रूप से शेयर में ट्रेडिंग करते हैं। अंत में आपको नुकसान के अलावा कुछ नहीं होता। शेयर मार्केट से वही व्यक्ति पैसा कमा सकता हैं जो की शेयर खरीदने के नियम समझे और स्वयं एनालिसिस करके स्टॉक्स ख़रीदे।

8. भावनाओं पर नियंत्रण रखें

भावनाओं पर कंट्रोल न केवल शेयर बाजार के नियम में शामिल  हैं बल्कि आपके सभी इन्वेस्टमेंट निर्णय लिए के लिए भी जरुरी है। शेयर मार्केट में लिए इमोशन पर कंट्रोल रखना बहुत ही आवश्यक है।

यह शेयर बाजार के नियम में इसलिए रखा गया है क्योंकि कई बार निवेशक या ट्रेडर अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाता है। इसके पीछे अनेक कारण होते हैं जैसे कि पैसा गवाने का डर, कम समय में ज्यादा रिटर्न बनाने का लालच । न केवल ट्रेडिंग में बल्कि इन्वेस्टिंग में भी महारथ हासिल करने के लिए हमेशा लॉजिक के आधार फैसले लेने चाहिए। आपको कभी भी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ये बात ध्यान रखिए की बस यहीं फैक्ट्स और लॉजिक ही आपको प्रॉफिट दिला सकते हैं।

9. उधार के पैसों  या इमरजेंसी फंड को इस्तेमाल न करें ।

उधार के पैसों या इमरजेंसी फंड से ट्रेडिंग न करें शेयर खरीदने के नियम का एक बहुत बड़ा पहलु हैं । कई व्यक्तियों को शेयर मार्केट में थोड़ा-बहुत फायदा हो जाने पर वे बहुत अधिक लालची बन जाते हैं। वे अधिक प्रॉफिट कमाने के लिए वे ज्यादा कैपिटल लगाते हैं। इसके लिए वे बैंक से पैसे उधार लेकर, किसी से ब्याज पर पैसे उधार लेकर या अपने इमरजेंसी फंड को निकाल कर शेयर बाजार में निवेश कर देते हैं।

यदि इस प्रकार के पैसे से लिए गए स्टॉक्स के दामों में किसी कारणवश भारी गिरावट आ जाए तो इस स्थिति में आप क्वॉलिटी स्टॉक्स को भी होल्ड नहीं कर पाएंगे। क्योंकि निवेश किया हुआ पैसा आपका नहीं है। ऐसा करने से आपको बहुत ही अधिक नुकसान हो सकता हैं। क्योंकि आपको शेयर्स को कम दाम पर ही बेचकर अपना कर्ज वापस चुकाना होता हैं।

इसलिए दोस्तों, कभी भी लोन के पैसो से, मार्जिन मनी से शेयर नहीं ख़रीदने चाहिए। इसमें बहुत ही अधिक रिस्क होता है। केवल उन्हीं पैसों को इन्वेस्ट करें जिनकी आपको निकट भविष्य में बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है।

10. मार्केट को टाइम करने का प्रयास न करें

हम में अधिकांश निवेशक मार्केट को टाइम करके अधिक प्रॉफिट कमाने की सोचते हैं। परन्तु आज तक कितना भी बड़ा निवेशक या ट्रेडर क्यों न हो, वो स्टॉक मार्केट को टाइम नहीं कर पाया है।  स्टॉक मार्केट को टाइम करना यानि की शेयर मार्केट के बारे में शॉर्ट टर्म पूर्वानुमान लगाना । जैसे की आपने कोई शेयर ₹1000 में लिया और ₹1200 में इस पूर्वानुमान के साथ बेच दिया की वापस इसे मैं ₹1050 आने पर खरीद लूंगा। परन्तु वह शेयर कभी भी लौटकर ₹1050 पर आया ही नहीं। और बाद में वही शानदार शेयर मल्टीबैगर बन गया तो आपको जो भारी मुनाफ़ा होता वो आपके हाथ से निकल जायेगा।

11. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें :

शेयर बाजार के नियम में शामिल हैं की आपको अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहिए। आपको अपना संपूर्ण पैसा 1-2 स्टॉक में ही निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जोखिम की मात्रा काफी बढ़ जाती हैं। कभी भी एक शेयर में गिरावट से आपका पूरा पोर्टफोलियो डाउन हो जाता हैं। इसलिए आपको अपने पोर्टफोलियो में 10 से 15 स्टॉक्स जरूर रखना चाहिए जिनकी परफॉर्मन्स को आप आसानी से ट्रैक कर सकें। ऐसा भी नहीं हैं की आपको अपने पोर्टफोलियो में 30-40 स्टॉक्स भर लेने चाहिए। ये ओवर डायवर्सिफिकेशन होता हैं जो प्रॉफिट कम और नुकसान ज़्यादा देता हैं।

12. निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एजुकेशन में इन्वेस्ट करें :

अधिकांश निवेशक अपनी इन्वेस्टमेंट जर्नी को बिना किसी तैयारी के ही चालू कर देते हैं। इन्वेस्टमेंट शुरू करने से पहले आपको उसकी अच्छी नॉलेज होना आवश्यक है।

इसीलिए कम से कम शेयर खरीदने से पहले आपको क्या-क्या चीजें देखनी चाहिए इसकी ठीक-ठाक जानकारी आपको होनी चाहिए।

इस तरह यदि आप अच्छी जानकारी के साथ स्टॉक मार्केट में कदम रखेंगे तो आपको बाद में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन सीखते तो आपको निरंतर ही जाना हैं। आप स्टॉक मार्केट बुक्स, मैगज़ीन, न्यूज़ पेपर आदि पढ़कर फाइनेंसियल एजुकेशन प्राप्त कर सकते है।

शेअर खरीदने के नियम के अनुसार आपको ये चार प्रकार के शेअर खरीदने से बचना चाहिए –

  • High Debt Companies
  • Low Promoter holding shares
  • High Promoter Pledging companies
  • 52 Week Low companies

यह भी पढ़ें: शेअर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें जनवरी, 2023 में

निष्कर्ष

दोस्तों, शेयर बाजार एक ऐसा कुआं है जो पूरे देश की प्यास बुझा सकता है। लेकिन अधिकांश निवेशक शेयर मार्केट में पैसा कमाने के बजाय पैसा गंवा देते हैं। इसका एक ही मुख्य कारण होता है कि वह ना तो अनुशासन रखते हैं ना कोई संयम रखते हैं जिसकी वजह से उन्हें बड़ा नुकसान होता है।लेकिन इस आर्टिकल में बताए गए शेयर बाजार के नियम और शेयर खरीदने के नियम याद रखेंगे तो आपको लंबी अवधि में अच्छा मुनाफा हो सकता है।

दोस्तों, आज आपने समझा की शेयर बाजार के नियम और शेयर खरीदने के नियम। अगर यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया नेटवर्क पर जरूर शेयर करें और अगर आपके कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते है।

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