
SBI Interest Rate Hike News in Hindi : इंडिया देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक ने लिया ये फैसला, 15 दिसंबर से महंगा हो गया लोन,रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान के बाद HDFC bank ने MCLR में 50 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी की थी. इसके साथ ही बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो बेस्ड लेंडिंग रेट्स (RBLR) 35 बीपीएस और इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने कर्ज की ब्याज दरें 15 से 35 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ाई है।
देश की सबसे बड़ी बैंक ने हर तरह के ऋण को महंगा किया। भारत देश में महंगाई भले ही कम हो गई हो. लेकिन आम आदमी पर दिनो दिनों लगातार बोझ बढ़ रही है. हम बात कर रहे हैं, बैंक ऋण लेने वाले लोगों लोगो का प्रत्येक महीने अपनी कमाई का एक हिस्सा EMI में खर्च कर देती हैं. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद सभी बैंकों ने भी अपनी ऋण महंगा कर दिया।
भारत देश की सबसे बड़ी बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक ने भी अपने ग्राहक को जोर का झटका भी दिया है. बैंक ने अपने कर्ज की दरों या MCLR में 25 बेसिस प्वाइंट तक का इजाफा किया है. इसके बाद सभी तरह के ऋण महंगे हो जाएंगे और आपको ज्यादा EMI Pay करनी पड़ेंगी।
MCLR में 0.25% का इजाफा :
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.25 फीसदी या 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है. बैंक की ओर से वेबसाइट पर यह जानकारी साझा की गई है. इस फैसले के बाद एसबीआई ने करोड़ों ग्राहकों का बोझ बढ़ जाएगा. गौरतलब है कि एमसीएलआर बढ़ने से होम लोन (Home Loan), ऑटो लोन (Auto Loan) या पर्सनल लोन (Personal Loan) समेत सभी तरह के कर्ज महंगे होंगे और ग्राहकों को ज्यादा EMI चुकानी होगी.
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नई दरें आज से लागू हुईं :
एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, नई दरें 15 दिसंबर 2022 से लागू हो गई हैं. इस इजाफे के बाद बदलाव की बात करें तो SBI के एक दिन की अवधि वाली एमसीएलआर 7.60% से 7.85% हो गई है. एक महीने और तीन महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर 7.75% से 8%, जबकि छह महीने और एक साल की अवधि के लिए MCLR 8.05% से 8.30% हो गई है. इसके अलावा दो साल की अवधि के यह 8.25% से 8.50% और तीन साल के लिए 8.35% से बढ़कर 8.60% हो गई.
नई दरें 15 दिसंबर 2022 से लागू :
इस साल लगातार 5 बार बढ़ा Repo Rate भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश में महंगाई दर को काबू में करने के अपने प्रयासों के तहत इस साल लगातार पांच बार नीतिगत दरों (Repo Rate) में बढ़ोतरी की है. मई 2022 से शुरू हुआ सिलसिला नवंबर के अंत तक जारी रहा. इस अवधि में रेपो रेट में 2.25 फीसदी की वृद्धि हुई है और यह बढ़कर 6.25 फीसदी पर पहुंच गया है. रेपो रेट यह वह दर है, जिस पर देश के तमाम बैंक आरबीआई से लोन लेते हैं.
EMI पर कैसे पड़ता है असर :
जैसा कि Repo Rate वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है. रेपो रेट के कम होने से बैंको को कर्ज सस्ता मिलता है और वे लोन की EMI घटा देते हैं. वहीं जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो बैंकों को भी रिजर्व बैंक से कर्ज महंगा मिलता है और इसकी भरपाई बैंक सभी तरह के Loan की एमसीएलआर बढ़ाकर करते हैं. इससे लोन महंगा हो जाता है और ग्राहकों की ईएमआई में इजाफा होता है.