A to Z Share Market Analysis in Hindi

अगर आप स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट के बारे में सब कुछ हिंदी में सीखना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। आज इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको Share Market Analysis in Hindi  और शेयर बाजार से जुड़े आपके हर सवाल का जवाब मिल जाएगा

A to Z Share Market Analysis in Hindi

एनालिसिस के प्रकार (  Stock Market Analysis )

अनालिसिस के प्रकार शेअर्स के एनालिसिस के विविध प्रकारों में मुख्य दो प्रकार हैं जिनके आधार पर सफलता पूर्वक निवेश करना संभव है । 

  1. टेक्नीकल एनालिसिस 
  2. फंडामेन्टल एनालिसिस 

हमारा प्रयत्न दोनों प्रकार के एनालिसिस को समझ कर अच्छा फायदा हासिल करना होना चाहिए । इसलिए में इसलिए अधिक जोर टेक्नीकल अॅनालिसिस पर दिया गया है । 

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फंडामेन्टल एनालिसिस ( Fundamental Analysis )

अब हम फंडामेन्टल एनालिसिस के विषय में संक्षिप्त में चर्चा करते हैं । इस प्रकार के एनालिसिस में कंपनी के फायदे – नुकसान को दर्शाने वाली ब्लांस शीट के अभ्यास के आधार पर वह शेअर्स निवेश के लिए योग्य है या नहीं इसका अंदाजा लगाया जाता है । इस प्रकार का एनालिसिस हमें किसी भी कंपनी की गुणवत्ता का नाप तोल करने में मदद करती है । ज्यादातर लोगों का कहना है कि एक बार कंपनी की फंडामेन्टल जाँच लेने के बाद निवेश किया तो वह फायदेमंद ही होता है । दिर्घ कालावधी की दृष्टी से किए निवेश में ऐसा जरूर होता है क्योंकि हर समय अच्छा परिणाम देने वाले कंपनी का भाव जरूर बढ़ता है ।

परंतु जो लोग कम समय के लिए निवेश करते है उनका सिर्फ कंपनी के परिणाम के आधार पर उसमें निवेश किया तो कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है । क्योंकि जरूरी नहीं की अच्छा परिणाम जल्द ही आ जाएगा । इसलिए कम समय के लिए निवेश करना हो तो टेक्नीकल एनालिसिस का उपयोग करना हितावह होता है । दुसरी तरह से समझना हो तो ऐसा कहा जा सकता है कि अगर किसी कंपनी के शेअर्स गाड़ी है तो उस कंपनी का फंडामेन्टल उस गाड़ी का ईंधन होता है,और टेक्नीकल एनालिसिस उस गाड़ी का ड्राइवर होता है ।

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एनालिसिस के प्रकार जैसे मर्सिडीज में होने पर रास्ता जब ठिक नहीं होता तब कम तकलीफ का अनुभव होता है । उसी तरह से अच्छे शेअर्स में बाज़ार में आनेवाली अफरातफरी में दूसरे शेअर्स की तुलना में कम उथलपुथल नज़र आती है और उस समय में भी उन पर नहीं के समान परिणाम नज़र आता है । अच्छी गाड़ी में सवार होनेपर दुर्घटना हुई तो भी जान को कम खतरा होता है । पर साधारण गाड़ी में बैठे होने पर दुर्घटना हुई तो अपनी जान भी जा सकती है । उसी तरह से अच्छे शेअर्स के भाव में गिरावट हुई तो भी वह समय के अनुसार जल्द ही एक समान हो जाती है । पर जब खराब शेअर्स में ऐसी स्थिति आती है तब अपने मेहनत की पूंजी पर पानी फिर सकता है ।

इसलिए निवेश का निर्णय लेने से पहले फंडामेन्टल एनालिसिस के आधार पर अच्छे गुणवत्तावाले शेअर्स को अलग निकालकर रख दीजिए । उसके बाद टेक्नीकल एनालिसिस द्वारा उसके ट्रेन्ड सुधार की शुरूआत और उसकी तेजी आदि महत्वपूर्ण परिबलों को स्पष्ट करने के बाद ही निवेश करना चाहिए । सस्ते मिलनेवाले शेअर्स के पिछे नहीं दौड़ना चाहिए । हमेशा गुणवत्ता वाले पर अधिक जोर देना चाहिए ।

 टेक्नीकल एनालिसिस ( Technical Analysis )

विविध शेअर्स के चार्ट के आधार पर जो अभ्यास किया जाता है उसे तरह से कार्य टेक्नीकल एनालिसिस कहते है । ऐसे चार्ट किसी ‘ नक्शे ‘ करते हैं । आप गाड़ी लेकर चल पड़े और अनजान रास्ते पर नक्शा लिए बगैर निकले तो गुम हो जाने का डर और गलत रास्ते पर जाने का डर होता है । उसी तरह से चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश किया तो वह अंधेरे में गोली चलाने के बराबर है ।

टेक्नीकल एनालिसिस किसी भी शेअर्स में कैसी स्थिति है इसका चित्र आपके सामने खड़ा करता है और टाईमिंग करने में आपको मदद करता है । जो लोग खास करके कम समयवाले निवेश के कम कालावधी के ट्रेडर है उनके लिए तो चार्ट का अभ्यास बहुत ही महत्वपूर्ण होता है । उदाहारण दिर्घ कालावधी के निवेश में जब तक महत्व का स्तर परिपूर्ण होता है तब तक उसमें नज़र आनेवाले कम कालावधी की उतार – चढ़ाव की अवगणना की जा सकती है । पर कम कालावधी के ट्रेडर के लिए जरूरी है कि उन्हें खबर होनी चाहिए कि गिरावट का सपोर्ट कहा पर है और चढ़ाव का रेसिस्टन्स का पर है ।

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यह सभी जानकारी चार्ट पर से हासिल की जा सकती है । जो चार्ट के व्यवस्थित अभ्यास पर से विविध स्तरों को जानकर उसके अनुसार ट्रेडिंग किया जाता हैं । तो नुकसान की संभावना नहीं के प्रमाण में होती हैं और मुनाफे वाले ट्रेडिंग क मात्रा बढ़ जाती है । शेअर बाज़ार को आप युद्ध भूमि के समान समझे तो टेक्नीकल एनालिसिय शस्त्रों की तरह उपयोग में आता है ।

युद्ध भूमि पर निःशस्त्र उतरकर लड़ने का प्रयास किया तो उसका क्या परिणाम होगा यह हम सभी को अच्छी तरह से पता है । उसी तरह से टेक्नीकल एनालिसिस पर प्रभुत्व हासिल किए बगैर शेअर बाज़ार में उतरना यह शस्त्रों के बगैर रणभूमि पर जाने के समान है । ऐसा करने में वीरता नहीं पर मूर्खता जरूर साबित हो सकती है । इसलिए बाज़ार में जितना हो टेक्नीकल एनालिसिस पर प्रभुत्व पालेना बहुत ही जरूरी है । ऐसा न करने से आपको नुकसान हुआ तो गलती बाज़ार की या अन्य किसी की नहीं बल्कि आप की ही समझी जाती है ।  

टेक्नीकल एनालिसिस पर ही अधिक जोर क्यो दिया जाता है ? 

आपने हाल ही में देखा है उस तरह से कंपनी फंडामेन्टल्स के आधार पर निवेश करना भी जोखिम भरा हो सकता है । कंपनियाँ झूठा मुनाफा दिखलाकर उनके शेअर्स के भाव को आसमान पर पहुंचा  सकते हैं , और एक बार यह हकीकत बाहर आने के बाद उनका भाव जमीन पर आ सकता है । ऐसे वक्त क्या लगता है इस सवाल का जवाब कोई भी नहीं दे सकता । ऐसे वक्त उस सवाल का कोई भी अर्थ नहीं होता । पर अगर आप चार्ट देखते हो तो महत्व का कोई स्तर टूटा तो जल्दी ही उसकी जानकारी मिल जाती है और उस समय दुसरी किसी भी बात का विचार किए बिना उस शेअर्स में से बाहर निकलना चाहिए । उसमें ही आपका हित होता है । सभी कंपनियाँ ऐसे अकाऊंट से फसाया नहीं करती । इसलिए फंडामेन्टल एनालिसिस की अवगणना नहीं करनी चाहिए ।

हमें तो दोनों को साथ रखकर अच्छा परिणाम हासिल करना है और कोई भी एक तरीके से प्रभावित होकर गलत निर्णय नहीं लिया जाएगा इस बात का ध्यान रखना चाहिए । समझने की बात यह है कि फंडामेंटल चाहे जितना अच्छे दिखते हो उस पर मैं जो कठिनाई होती है उसका अंदाजा तो ज्यादातर चार्ट ही देते हैं आप भले दुनिया के सबसे अच्छे गाड़ी में बैठे हो पर आपने देखा देखी वह खराब हुई या बंद हुई तो ऐसा कैसे हुआ अथवा ऐसा होना संभव नहीं है ऐसा विचार करने के लिए आपके पास समय नहीं होता है उसमें मैं तुरंत बाहर निकल जाना चाहिए।

 टेक्निकल एनालिसिस का मूल आधार किसी भी कंपनी के शेयर के भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव के आधार पर निर्माण किए चार्ट के अभ्यास पर उपलब्ध है l किसी शेयर का भाव किसी निश्चित टाइम फ्रेम में दीर्घ कालावधी के निवेशकों के विषय में वह उसके काम अवधि के टॉप और बॉटम पर ध्यान देकर दीर्घ कालावधी की ट्रेड के अनुसार भी चल सकते है, किसी भी समय किस शेयर के भाव में कितनी बढ़त हो सकता है गिरावट कहां पर सपोर्ट ले सकती है बढ़त के बाद कौन से स्तर पर रेसिस्टेंट आ सकता है भाव में बढ़त  की और कितनी संभावना है बगैर चार्ट और उसमें निर्माण होने वाले रचनाओ के एनालिसिस पर से जाना जा सकता हैं।

टेक्निकल एनालिसिस के उपयोग से आप योग्य समय में शेअर में दाखिल होने का और बाहर निकलने का संकेत प्राप्त करके अपनी मुनाफा शक्ति को बढ़ा सकते हैं,

इस बाजार में होने वाले मैनिपुलेशन को ध्यान में रखकर ऐसा कह सकते हैं कि इस जानकारी के बिना निवेश करने वाले हर समय घाटा खाते हैं और उसका दोष बाजार को देते हैं।

यह ज्ञान अंधेरे में प्रकाश के समान होता है ।

गलती तो सभी करते हैं पर जो व्यक्ति स्वयं की गलती को जानकर ठीक समय पर उसको सुधार है,वही व्यक्ति जीवन रूपी संग्राम में और इस बाजार में  के लिए दीर्घ कालावधी जमकर मुनाफा कमाने की आस रख सकता है

चार्ट का उपयोग किस लिए किया जाता है?

चार्ट हमे सक्षम चित्र के स्वरूप में किसी भी शेयर में क्या हो रहा है इसकी जानकारी हमारे सामने पेश करता है 

चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश करना यानी नक्शे के बिना अंजाम देश में घूमने के समान है।

चार्ट का अभ्यास आपको हर कोई शेअर किसी भी समय व ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर है या ओवरवोट है या ओवरसोल्ड हैं लेकिन बातों को स्पष्ट करने में मदद करते हैं

चार्ट का उपयोग टाइमिंग करने के लिए होता है यह तरकीब कम कालावधि के निवेशकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

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टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस के बीच का फर्क

फंडामेंटल एनालिसिस किसी भी स्तर पर जो भाव है वह कैसा है इसके आधार पर अधिक जोर देता है तो टेक्निकल अनालिस्ट मात्र किसी भी स्तर पर भाव क्या है इसके आधार पर लेन-देन करता है।

टेक्निकल अनालिसिस  में डिमांड और सप्लाई के आधार पर जो भाव चल रहा है उसका अभ्यास होता है।

 फंडामेंटल एनालिसिस में हर कोई भाव कैसा है उसके  परीबलों का अभ्यास करता है।

 टेक्निकल एनालिसिस का कायदे से अभ्यास और प्रयोग किया गया तो मर्यादित नुकसान और अमर्यादित मुनाफे की संभावना हमेशा होती है जो आप  का हेतु होना चाहिए ।

निष्कर्ष

मैं आशा करता हूं कि आपको hare Market Analysis ka ज्ञान मिल गया होगा। पूरी जानकारी हिंदी में हैं, पोस्ट पसंद आई होगी। और आपको शेयर बाजार (Stock Market) के बारे में काफी चीजें पता चल गई होगी.

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